छोटी-छोटी खुशियाँ और नोकझोंक से भरी है वेब सीरीज "गुल्लक" की कहानी

छोटी-छोटी खुशियाँ और नोकझोंक से भरी है वेब सीरीज "गुल्लक" की कहानी

छोटी-छोटी खुशियाँ और नोकझोंक से भरी है वेब सीरीज "गुल्लक" की कहानी

न्यूज़ हेल्पलाइन – 4 मई 2020

टीवीएफ की वेब सीरीज "गुल्लक" की कहानी उत्तर प्रदेश के किसी शहर के एक मिडिल क्लास की मिश्रा फैमिली के ऊपर आधारित है। इस 5 एपिसोड की वेब सीरीज की कहानी बहुत ही सिंपल है, लेकिन इसके बावजूद आपको ये अपने आप से बांधे रखेगी।

ये वेब सीरीज छोटी-छोटी खुशियाँ और नोकझोंक से भरपूर है। कहानी में दिखाया गया है कि कैसे मिडिल क्लास के लोग छोटी-छोटी चीजों में अपनी खुशियाँ ढूढ़ लेते है, छोटी-छोटी बात पर एक-दूसरे से लड़ते हैं लेकिन समय आने पर सब एक साथ हो जातें हैं।

कहानी की शुरुआत होती है मिश्रा परिवार से। मिश्रा परिवार में संतोष मिश्रा और उनकी पत्नी शांति और उनके दो बच्चे अन्नू और अमन रहते हैं। अन्नू दोनों का बड़ा बेटा है वो सरकारी नौकरी के लिए अभी तैयारियां कर रहा है वही अमन अभी पढ़ाई ही कर रहा है। वही संतोष बिजली दफ्तर में काम करते हैं। मिश्रा जी का ये छोटा सा परिवार और उनकी पडोसन बिट्टू की मम्मी आपको लास्ट एपिसोड तक एंटरटेन करेंगे।

वेब में बहुत सी चीजें ऐसी दिखाई गई है जो आज भी हजारों घरों में होती है। जैसे- शांति अपने घर का बखान बिट्टू की मम्मी के सामने करती है और वही बिट्टू की मम्मी अपने घर का बखान शांति से करती है। और बात-बात पर एक दूसरे को ताना भी देती रहती है।

पहले एपिसोड की कहानी 'तहरी' में तहरी खाने को लेकर मां-बेटे की नोंक झोंक दिखाई गई है। शांति का कैरेक्टर एकदम मिडिल क्लास की मांओं की तरह हैं, जिसपर घर की सारी जिम्मेदारियां है। शांति कभी अपने बच्चों के फ्यूचर के लिए चिंता करती है, तो कभी अपने बच्चों की पढाई को लेकर उन्हें ताना मारती है। शांति को देखकर एक पल के लिए उसमें आपको अपने मां की भी झलक दिखाई देंगी।

एक तरह से हम कह सकते हैं ये हूबहू एक मिडिल क्लास की कहानी है, जिसमें कुछ भी बढ़ा चढ़ाकर नहीं दिखाया गया है। इस वेब में दिखाई गई चीजें जैसे बात बात पर मांओं का पढ़ाई को लेकर डांटना। नींद ना पूरी होने पर दूसरों पर गुस्सा निकालना, और गुस्सा होने पर एक रूम में बेड पर जाकर सो जाना, जिसकी वजह से उस दिन का पूरा काम बेचारे पिता को करना पड़ता है, ऐसे ही बहुत सी चीजें। वेब की कहानी पॉच टॉपिक पर आधारित है। 'तहरी' की तरह बाकी के एपिसोड इतवार, बत्ती आ गई और त्यौहार में भी इस परिवार के मजेदार किस्से मिलेंगे।

इस सीरीज की खास बात ये है कि इसमें जमील खान को छोड़ कोई जाना माना चेहरा नहीं है। इसमें जमील खान, गीतांजलि कुलकर्णी, वैभव राज गुप्ता, हर्ष मायर लीड रोल में है। हर एक्टर अपने कैरेक्टर से न्याय करता दिखाई दे रहा है। सभी ने बहुत ही नेचुरल और सादगी से अपना किरदार निभाया है।

वेब सीरीज गुल्लक का सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट है इसका लेखन, जिस तरह से निखिल विनय ने कहानी लिखी है वो काबिल-ए-तारीफ है। और वही इसका डायरेक्शन अमृतराज गुप्ता ने किया है।

जिस तरह से कहानी का सेट डिजाइन किया गया है, और जिस तरह से एक एक डिटेल का ख्याल रखा गया है, वो आपको चकित कर देगा। सेट डिजाइन करने में हर छोटी-छोटी बातों का बखूबी ध्यान रखा गया है। घर में हर एक चीज बहुत पुरानी है। दस-बीस साल पहले के घरों में ऐसी जुगाड़ू चीजें देखने को मिलती थीं।

वेब सीरीज की कुछ बातें आपको बुरी भी लग सकतीं है जैसे- घर में चिकन बनना और शराब पीना! क्योंकि आज भी ब्राह्मण समाज के कुछ लोग चिकन खाना या शराब पीना पसंद नहीं करते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी कहानी आपको पूरी तरह एंटरटेन करने में कामयाब रहेगी। लॉकडाउन के समय अच्छा मौका है अपने परिवार के साथ ये वेब सीरीज देखने का।

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